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मशहूर अफ़सानानिगार सआदत हसन मंटो के अफ़्साने

मशहूर अफ़सानानिगार सआदत हसन मंटो के अफ़्साने

मशहूर अफ़सानानिगार सआदत हसन मंटो के अफ़्साने

घाटे का सौदा

दो दोस्तों ने मिल कर दस-बीस लड़कियों में से एक लड़की चुनी और बयालिस रुपये दे कर उसे ख़रीद लिया।
रात गुज़ार कर एक दोस्त ने उस लड़की से पूछा, तुम्हारा नाम क्या है?
लड़की ने अपना नाम बताया तो वो भिन्ना गया। हम से तो कहा गया था कि तुम दूसरे मज़हब की हो।
लड़की ने जवाब दिया, "उस ने झूट बोला था।

ये सुन कर वह दौड़ा दौड़ा अपने दोस्त के पास गया और कहने लगा,
इस ने हमारे साथ धोका किया है हमारे ही मज़हब की लड़की थमा दी... चलो वापस कर आएँ।
उलाहना
देखो यार। तुम ने ब्लैक मार्केट के दाम भी लिए और ऐसा रद्दी पेट्रोल दिया कि एक दुकान भी न जली।

पेश-बंदी
पहली वारदात नाके के होटल के पास हुई। फ़ौरन ही वहां एक सिपाही का पहरा लगा दिया गया।

दूसरी वारदात दूसरे ही रोज़ शाम को स्टोर के सामने हुई। सिपाही को पहली जगह से हटा कर दूसरी वारदात के मक़ाम पर मुतअय्यन कर दिया गया।

तीसरा केस रात के बारह बजे लांड्री के पास हुआ। जब इन्सपेक्टर ने सिपाही को इस नई जगह पहरा देने का हुक्म दिया तो उसने कुछ ग़ौर करने के बाद कहा,

मुझे वहां खड़ा कीजिए जहां नई वारदात होने वाली है।

सदक़े उसके
मुजरा ख़त्म हुआ, तमाशाई रुख़्सत हो गए तो उस्तादी जी ने कहा,

सब कुछ लुटा पिटा कर यहां आए थे लेकिन अल्लाह मियां ने चंद दिनों में ही वारे न्यारे कर दिए।

सफ़ाई पसंद
गाड़ी रुकी हुई थी। तीन बंदूक़्ची एक डिब्बे के पास आए।

खिड़कियों में से अंदर झांक कर उन्हों ने मुसाफ़िरों से पूछा,

क्यूं जनाब कोई मुर्ग़ा है।

एक मुसाफ़िर कुछ कहते कहते रुक गया। बाक़ियों ने जवाब दिया,

जी नहीं।

थोड़ी देर के बाद चार नेज़ा बर्दार आए। खिड़कियों में से अंदर झांक कर उन्हों ने मुसाफ़िरों से पूछा,

क्यूं जनाब कोई मुर्ग़ा है।

उस मुसाफ़िर ने जो पहले कुछ कहते कहते रुक गया था जवाब दिया,

जी मालूम नहीं आप अंदर आ के संडास में देख लीजिए।

नेज़ा बर्दार अंदर दाख़िल हुए। संडास तोड़ा गया तो उसमें से एक मुर्ग़ा निकल आया।

एक नेज़ा बर्दार ने कहा,

कर दो हलाल।

दूसरे ने कहा,

नहीं यहां नहीं। डिब्बा ख़राब हो जाएगा बाहर ले चलो।

ख़बरदार
बलवाई मालिक मकान को बड़ी मुश्किलों से घसीट कर बाहर ले आए।

कपड़े झाड़ कर वो उठ खड़ा हुआ और बलवाइयों से कहने लगा,
तुम मुझे मार डालो लेकिन ख़बरदार जो मेरे रुपये पैसे को हाथ लगाया।